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UP में जमीन का रजिस्ट्री को लेकर बड़ा बदलाव, योगी सरकार ने बनाई नई योजना

उत्तर प्रदेश में भूमि रजिस्ट्री सिस्टम में बदलाव की तैयारी: सर्किल रेट में बड़े सुधार की संभावना

UP में जमीन का रजिस्ट्री को लेकर बड़ा बदलाव, योगी सरकार ने बनाई नई योजना

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में जल्द ही भूमि रजिस्ट्री का पूरा सिस्टम बदल सकता है। योगी सरकार ने रजिस्ट्रियों के सर्किल रेट्स (circle rates) में बड़े बदलाव की तैयारी शुरू कर दी है। यह बदलाव किसानों, आवासीय और वाणिज्यिक संपत्तियों के लिए सर्किल रेट्स को आम जनता की पहुंच के अनुसार तय करने पर केंद्रित है। इस कदम का उद्देश्य जमीन खरीदने और बेचने के प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना और अधिक सुलभ बनाना है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हाल ही में हुई एक बैठक में इस बदलाव पर गंभीर चर्चा की गई। बैठक में तय किया गया कि अब सर्किल रेट्स की प्रक्रिया में सुधार किया जाएगा और कृषि, आवासीय, वाणिज्यिक क्षेत्रों में जो खामियां हैं, उन्हें दूर किया जाएगा। इसके साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि रेट्स आम जनता की पहुंच में हों।

क्या हैं सर्किल रेट्स?
सर्किल रेट्स (Circle Rates) वे न्यूनतम दरें होती हैं, जिनके आधार पर किसी भी संपत्ति का रजिस्ट्रेशन किया जाता है। यह दरें राज्य सरकार द्वारा निर्धारित की जाती हैं और इनका उद्देश्य भूमि और संपत्ति के लेन-देन में पारदर्शिता लाना है। इन रेट्स के जरिए संपत्ति की बिक्री और खरीद की सही कीमत तय होती है।

हालांकि, सर्किल रेट्स में कई बार खामियां सामने आई हैं। पिछले कुछ वर्षों में यूपी में संपत्तियों की रजिस्ट्रियों के लिए सर्किल रेट्स निर्धारित नहीं हो पाए हैं, जिस कारण इस क्षेत्र में असमानता और भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई है। अब योगी सरकार इन खामियों को सुधारने के लिए नई दिशा में कदम बढ़ा रही है।

मुख्य बदलावों पर जोर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अब कृषि भूमि पर यदि एक या दो मकान बने हैं, तो उसे आवासीय भूमि के रूप में मान्यता नहीं दी जाएगी। इसी तरह, यदि किसी कृषि भूमि पर एक या दो दुकानें बनी हैं, तो उसे वाणिज्यिक भूमि के रूप में नहीं माना जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भूमि के उपयोग के अनुसार ही उसकी सर्किल दर तय की जाए।

मुख्यमंत्री की बैठक में इस बात पर भी जोर दिया गया कि एक ही स्थान पर कई मकान या दुकानें बनी हैं, तो उन्हें उनके वास्तविक उपयोग के आधार पर आवासीय या वाणिज्यिक श्रेणी में डाला जाएगा। यदि किसी जगह पर सड़क के 50 मीटर के दायरे में एक से अधिक दुकानें हैं, तो उसे वाणिज्यिक श्रेणी में ही माना जाएगा।

सर्किल रेट्स में सुधार की संभावना
सर्किल रेट्स में सुधार की प्रक्रिया को तेज किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में लंबे समय से रजिस्ट्री के लिए सर्किल रेट्स तय नहीं हो पाए थे, जिसके कारण संपत्तियों की सही मूल्यांकन में समस्या आ रही थी। अब योगी सरकार ने इस प्रक्रिया में सुधार लाने के लिए जिलों के जिलाधिकारियों (DMs) से सर्किल रेट्स के बारे में जानकारी मांगी है। इसके बाद, सरकार इन रेट्स को आम जनता की जरूरतों के अनुसार अंतिम रूप देगी।

एक अन्य महत्वपूर्ण बदलाव यह होगा कि अब अलग-अलग गांवों के सर्किल रेट्स में भिन्नता को खत्म किया जाएगा। पहले ऐसा होता था कि एक ही इलाके के अलग-अलग गांवों में सर्किल रेट्स में असमानता होती थी, जिससे भूमि की खरीद-फरोख्त में असमानताएं पैदा हो जाती थीं। अब इस भिन्नता को खत्म करने की योजना है, ताकि हर क्षेत्र में समान रेट्स लागू किए जा सकें।

आम जनता के लिए राहत
सरकार का लक्ष्य है कि सर्किल रेट्स को इस तरह से तय किया जाए, जिससे आम आदमी को राहत मिल सके। सर्किल रेट्स के अधिकतम स्तर पर मनमाने तरीके से तय दरें अब नहीं चलेंगी। सरकार ने स्पष्ट किया है कि रेट्स को ठीक और उचित तरीके से तय किया जाएगा, ताकि भूमि की खरीददारी और रजिस्ट्री में पारदर्शिता बनी रहे। इसके साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि रेट्स आम आदमी की वित्तीय क्षमता के हिसाब से हों।

इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य यह है कि जब आम नागरिक अपनी ज़मीन खरीदने या बेचने जाएं तो उन्हें सही मूल्य और जानकारी मिले। इस तरह से सरकारी सुधारों से किसानों और अन्य नागरिकों को सुलभता मिलेगी।

राज्य सरकार का स्टांप और रजिस्ट्रेशन विभाग सक्रिय
राज्य सरकार के स्टांप और रजिस्ट्रेशन विभाग ने जिलों के डीएम से सर्किल रेट्स के बारे में पूरी जानकारी मांगी है। इसके बाद, अधिकारियों के सुझावों के आधार पर सर्किल रेट्स के नए प्रावधान तैयार किए जाएंगे। इस पहल के माध्यम से, सरकार का उद्देश्य सम्पत्ति के रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और कुशल बनाना है।

नये नियमों का प्रभाव
योगी सरकार द्वारा लागू किए गए ये नये नियम राज्य के नागरिकों पर कई सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। भूमि के उपयोग को सही तरीके से वर्गीकृत किया जाना, यह सुनिश्चित करेगा कि कृषि भूमि के साथ कोई अनुचित बदलाव न हो। इसके अलावा, सर्किल रेट्स के पुनः निर्धारण से बाजार में जमीन की कीमतों में संतुलन आ सकता है, और ज्यादा पारदर्शिता से भूमि लेन-देन में धोखाधड़ी के मामलों में कमी आएगी।

इस सुधार के साथ, सरकार का उद्देश्य राज्य की संपत्ति बाजार को और अधिक व्यवस्थित और लोकतांत्रिक बनाना है। योगी सरकार की यह पहल सरकारी कार्यप्रणाली को और अधिक कुशल और नागरिकों के अनुकूल बनाएगी।

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